2001 की जनगणना के अनुसार, इदौर लगभग 20 लाख आबादी के साथ मध्य प्रदेश का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। पिछले 10 सालों में यह जनसंख्या और ज्यादा बढ़ी होगी। इंदौर के देवी अहिल्या विश्व विद्यालय (DAVV) के पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने कहा, 'इंदौर मध्य प्रदेश की फाइनेंशियल राजधानी होने के नाते बड़ी संख्या में लोग बाहर से यहां नौकरी के लिए आते हैं। शहर घनी आबादी वाला है। इसलिए, कोरोनावायरस प्रभावित लोगों की संख्या में और वृद्धि होना तय है।'
उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन के साथ-साथ लॉकडाउन निश्चित ही ऐसे रोगियों की संख्या को रोकने में मदद करेगा, लेकिन वर्तमान में जो स्थिति है वो चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त एक डॉ. उल्हास महाजन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना वारयस के मरीजों की संख्या में खतरनाक रूप से वृद्धि हुई है। महाजन ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर लोग अभी भी गंभीर नहीं है।
उदाहरण के लिए जनता कर्फ्यू के दिन अच्छे तादात में लोग जश्न मनाने के लिए सड़क पर निकल पड़े थे। उन्होंने कहा कि जब तक हम प्रतिबंधों का पालन नहीं करेंगे, तब तक स्थिति आने वाले दिनों में और खराब होगी। इंदौर संभाग के कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने कहा कि अब तक हमारा पूरा ध्यान इस बात पर है कि बीमारी को कैसे फैलने से रोका जाए। इसके लिए लोगों को आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करना पड़ेगा। फिर भी लोगों को घरों में रहने के लिए शहर के कुछ जगहों पर चेकिंग की जा रही है।